अद्भुत गाँव - दैनिक लेखनी प्रतियोगिता -01-Apr-2022
आज निकली जब प्रातः काल सैर पर
दिखा एक व्यक्ति फटा था जिसका सर
दर्द से चिल्लाता दौड़ा रहा अपनी नज़र
मदद करने आगे कोई ना आया मगर।
अचानक याद हो आई तुम्हारे गाँव की
जहाँ सब दौड़े आते सुन पीड़ा पाँव की
जहाँ हर दर्द पर लगाते प्यार का मरहम
बड़ा अद्भुत है तुम्हारे गाँव का मौसम।
सद्भाव व प्रेम आँखों से छलक जाता
दर्द में गाँववासी जब कोई नज़र आता।
भारतीय संस्कृति की समस्त विशेषता
गाँव का नि:स्वार्थ अपनापन दिखाता
मिट्टी का सोंधापन मन बड़ा लुभाता
रिश्तों का अपनापन वसंत ले आता
जहाँ किसान करते दिन-रात परिश्रम
बड़ा अद्भुत है तुम्हारे गाँव का मौसम।
जहाँ कोयल मीठी तान सुनाती है
धरती हरी चुनर ओढ़ मुस्काती है
प्रकृति मनमोहक छटा बिखराती है
चौपाले हर शाम जहाँ बिछ जाती हैं
चिड़िया भी खुशी से चहचहाती है
गांव की बेटी सबकी बेटी कहलाती है
ऊंच-नीच भूल जहाँ सब होते सम
अद्भुत है तुम्हारे गाँव का मौसम।
डॉ. अर्पिता अग्रवाल
Nand Gopal Goyal
02-Apr-2022 11:06 PM
Wow
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Fareha Sameen
02-Apr-2022 08:08 PM
👌👌👌
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Niraj Pandey
02-Apr-2022 10:51 AM
बहुत ही बेहतरीन
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